New Delhi May 26, 2016. The kind of unnecessary controversy that has been created around the closing ceremony of the regional training camp of the Bajrang Dal in Ayodhya smacks of roguish mischievousness. This is an attempt to jeopardise Hindu-Muslim camaraderie and disparage the entire Muslim community by branding them as terrorists, Dr Surendra Jain, Int’l Jt Secy, VHP said today.
This is not the first time that a training camp of this kind has been organised. For the last 25 years, training camps based on the same principles/curriculum have been a regular feature of the Bajrang Dal activities. This is purely an organisational event, said Dr Surendra Jain. Anyone who is trying to portray this as some sort of a conspiracy hatched by the central government or even remotely associates this with the state elections that are due in Uttar Pradesh next year is completely ignorant of the history of the Bajrang Dal or is someone who simply revels in creating sensationalism.
No questions had ever been asked in the last 25 years on these training camps of the Bajrang Dal. But now an attempt is being made to communally polarise the society and a conspiracy is being hatched to drag a popular and successful union government into a controversy. The kind of training provided at these camps is perfectly within the ambit of the law. Thousands of akhadas all over the country impart the same kind of training and all this is done publicly and nothing is ever under wraps.
We all know that the countries or states that have successfully countered terrorism have been able to do it only with the cooperation of the society. Punjab is a glowing example of this where terrorism was completed eliminated with the help of the people of the state. No country in the world has bore the brunt of terrorism like India has, therefore people and organisations that inspire people to fight terrorism should be rewarded and not vilified.
The attire, the kind of outfit and robes that the terrorists-used as symbolic targets-were wearing was inspired from what is shown in the media only. The videos released by ISIS have been showing Laden, Yakub and Baghdadi in a particular kind of attire which has become a standard symbol of terrorist attire. Therefore, it is these terrorist organisations which should take the blame for the generalisation of this attire; there is no way the blame for this can be laid at the doorstep of the Bajrang Dal which was only following a media pattern.
The way the Uttar Pradesh government is going after the Bajrang Dal is ample proof that the state government is trying to polarise the society on communal lines only to benefit in the state assembly elections. In doing this, the state government is only trying to conceal its failure in stopping terrorist activities in the state and the attacks on the Hindu society. If they really want to do something in favour of the nation, then they should act against the Dar-ul-Uloom, Deoband, which issues anti-national fatwas and is a source of inspiration for terrorists. The nation is already reeling under the nefarious activities of such muslim organisations, by indicting the Bajrang Dal, the state government should not fall into the trap laid by the terrorist organisations.
Bajrang Dal is an organisation that acts only in the interests of the nation. Only the terrorists and anti-national elements take offence at its activities. Anyone raising its fingers at the organisation should first understand the activities of the organisations. In 32 years of its existence, the Bajrang Dal has so many records to its credit, “the largest blood donation camp in one single day, running a cow-protection programme where lakhs of cows are cared for, anti-conversion programmes, fight against the terrorists to save the Amarnath yatra pilgrims, making the ‘baba budha amaranth ki yatra’ successful in Poonch,” and the list could go on and on. The organisation leaves no stone unturned in offering voluntary service whenever there is a natural calamity in the country, the governors of various states stand testimony to this, said Dr Surendra Jain.
Released by:
Vinod Bansal
(Spokesperson-VHP)
@vinod_bansal M-9810949109
प्रेस वक्तव्य :
बजरंग दल का शिक्षण देशहित में, विरोध निहित स्वार्थो से प्रेरित : डॉ सुरेन्द्र जैन
नई दिल्ली मई 26, 2016. अयोध्या में बजरंग दल के प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग के समापन समारोह के कार्यक्रमों को लेकर जिस तरह का विवाद खड़ा किया गया, वह पूर्ण रूप से शरारतपूर्ण, हिन्दू मुस्लिम सौहार्द को नष्ट करने वाला और संपूर्ण मुस्लिम समाज को आतंकवाद से जोड़कर अपमानित करने वाला है। इस सम्बन्ध में मीडिया में.चल रही अनावश्यक बहस पर बोलते हुए विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महा मंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने आज यह भी कहा कि बजरंग दल का यह प्रशिक्षण वर्ग पहली बार नहीं लगा है। पूरे देश में गत 25 वर्षों से इसी पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण लगातार दिया जा रहा है। यह पूर्ण रूप से संगठनात्मक गतिविधि है। वर्तमान केंद्र सरकार या एक वर्ष बाद होने वाले उत्तरप्रदेश के चुनावों से जोड़ने वाले या तो इतिहास से अनभिज्ञ हैं या जासूसी उपन्यास की तरह की पटकथा लिखकर सनसनी फ़ैलाने में तज्ञ हैं।
डॉ जैन के अनुसार गत 25 वर्षों से इस पाठ्यक्रम पर कोई विवाद नहीं उठा था। अब विवाद निर्माण करने वाले स्वयं समाज का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहते हैं और सफलतापूर्वक काम करने वाली केंद्र सरकार को अनावश्यक विवाद में घसीटने का एक और असफल षडयंत्र रच रहे हैं। जिन विषयों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे किसी भी प्रकार से अवैधानिक नहीं हैं। भारत में हजारों अखाड़े और संस्थाएं इसी प्रकार का प्रशिक्षण देती हैं और उनका प्रदर्शन भी करते हैं।
उनका कहना है कि सब जानते हैं कि जिन भी राज्यों या देशों में आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला किया गया है, वह समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं था। भारत में पंजाब के उदाहरण से इसको समझ सकते हैं। भारत आतंकवाद से सबसे अधिक पीड़ित देश है। समाज को इस दिशा में जागृत करने वाले पुरस्कार के पात्र हैं, प्रताड़ना के नहीं। इस शिविर में आतंकियों के वही चेहरे और वस्त्र दिखाये गये हैं जो मीडिया में दिखाये जाते हैं। ISIS के द्वारा जारी वीडियो में भारतीय आतंकियों, लादेन,बगदादी, याकूब आदि के चेहरे और वस्त्र आतंकियों के प्रतीक बन गए है। उनको धर्म से जोड़ने का अपराध इन आतंकियों ने या इनका चित्र दिखाने वालो ने किया है। बजरंग दल को इसका दोष देना किसी भी तरह न्यायसंगत नहीं है।
आजम खान के इशारों पर चल रही सपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस प्रकार की धर पकड़ शुरू कर दी है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि वे चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक आधार पर समाज को बाटने की चाले चल रही है। आतंकियों और हिन्दू समाज पर हमला करने वालों को पकड़ने में अपनी विफलता को वे इस दमन की आड़ में छिपाना चाहते हैं। अगर वे देशहित में कोई कार्यवाही करना चाहते है तो उन्हें आतंकियों के प्रेरणास्रोत और देशविरोधी फतवे जारी करने वाले दारुल उलूम देवबंद पर कार्यवाही करें। समाज इनसे पहले से ही प्रताड़ित है, उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर वे आतंकियों के एजेंडे पर चलने का काम न करें।
बजरंग दल देश को समर्पित संगठन है। इसके कार्यों से केवल आतंकी और देशविरोधी ही बेचैन होते हैं। इस पर उंगली उठाने से पहले सबको इसका अध्ययन करना चाहिए। राष्ट्र निर्माण के काम में सबको सहयोग करना चाहिए। अपनी 32 वर्ष की आयु में बजरंग दल ने दुनिया में एक दिन में सर्वाधिक रक्तदान का रिकार्ड, लाखों गउओं की रक्षा, हजारों हिन्दुओं के धर्मांतरण पर अंकुश, अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों को चुनौती, पुंछ (जम्मू कश्मीर) में बाबा बूढ़ा अमरनाथ की यात्रा से सीमा वासियों के स्वाभिमान की रक्षा, अनेक प्राकृतिक आपदाओं तथा भीषण दुर्घटनाओं में राहत कार्यों के साथ साथ असंख्य सेवा कार्य देश भर में करता है. माननीय राज्यपालों का समर्थन निराधार नहीं है।
जारी कर्ता :
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप
@vinod_bansal M-9810949109
Source: World Hindu News (WHN)